मुंबई से कुछ ही घंटो की दूरी पर है महाराष्ट्र का सबसे खूबसूरत मानसुन ट्रेक

हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक पर कोकणकडा से दिखता अद्भुत घाटी का दृश्य

अगर आप इस मॉनसून में प्रकृति की गोद में खुद को खो देना चाहते हैं, तो महाराष्ट्र का हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक, खासकर नळीची वाट रूट से, आपके लिए एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। यह ट्रेक जितना सुंदर है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है — लेकिन जब आप चोटी पर पहुंचते हैं और चारों तरफ फैली घाटियों का दृश्य देखते हैं, तो सारे थकान पल भर में गायब हो जाती है।

Harishchandragad Trek via Nalichi Vaat — क्यों है ये सबसे दमदार मॉनसून ट्रेक?

हरिश्चंद्रगढ़ किला महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। इसे “सह्याद्री का ताज” कहा जाता है। इस ट्रेक को खास बनाता है इसका नळीची वाट रूट, जो बहुत ही मुश्किल लेकिन बेहद रोमांचक माना जाता है। नळीची वाट का अर्थ है — ‘पाइप की तरह पतली घाटी’, और इस रूट पर चलते हुए आपको करीब 80 डिग्री की खड़ी चढ़ाई चढ़नी होती है। बारिश के मौसम में जब पानी चट्टानों से गिरता है, तब यह रास्ता और भी खतरनाक और cinematic बन जाता है।

कैसे पहुंचें हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक के लिए?

इस ट्रेक की शुरुआत आमतौर पर बेलपाडल गांव या वाजेघर से होती है। यदि आप मुंबई या पुणे से आ रहे हैं, तो सबसे पहले इगतपुरी या कल्याण तक ट्रेन पकड़ें। वहाँ से लोकल टैक्सी या जीप से बेलपाडल गांव तक पहुंच सकते हैं। मुंबई से बेलपाडल गांव का कुल खर्चा लगभग ₹700 से ₹1,000 तक आता है (ट्रेन + शेयर जीप)।

कहाँ रुकें और क्या तैयारियाँ करें?

हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक पर कोई होटल या लक्ज़री लॉज नहीं हैं। आपको या तो खुद का टेंट लेकर जाना होगा या फिर कोकणकडा और गणेश गुफा जैसी जगहों पर ट्रेकर्स द्वारा लगाए गए अस्थायी कैंप में रुकना होगा। टेंट रेंट पर भी मिल जाते हैं जिनका किराया ₹300–₹500 प्रति व्यक्ति होता है।खाने के लिए गांववालों द्वारा घर का बना खाना ₹100–₹150 में मिल जाता है जिसमें गरम भाखरी, पिठल, चटनी और चाय शामिल होती है।

ट्रेक की कठिनाई और जरूरी गाइडेंस

नळीची वाट रूट को भारत के सबसे खतरनाक ट्रेक रूट्स में से एक माना जाता है। यहाँ कई जगहों पर रॉक क्लाइम्बिंग और रस्सियों का इस्तेमाल करना पड़ता है। बारिश के मौसम में यह रास्ता फिसलन भरा और जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए किसी अनुभवी लोकल गाइड के साथ जाना जरूरी है।गाइड चार्ज ₹800–₹1500 तक हो सकता है, जो ग्रुप पर डिपेंड करता है।

मॉनसून में इस ट्रेक की खासियत

जुलाई से सितंबर के बीच जब सह्याद्री हरे रंग की चादर में लिपटा होता है, उस समय नळीची वाट का ट्रेक cinematic movie जैसा लगता है। बारिश की बूँदें, घाटियों में फैला कोहरा, हरियाली और झरने — यह सब कुछ मिलकर इस ट्रेक को जीवन भर की याद बना देता है। यहाँ से दिखने वाला कोकणकडा व्यू पॉइंट आपको मंत्रमुग्ध कर देगा, जो बादलों के बीच से झांकता हुआ दिखता है।

ट्रेक सिर्फ ट्रेक नहीं होता — यह एक आत्मिक अनुभव है

जब आप हरिश्चंद्रगढ़ की ऊँचाई से नीचे घाटियों को देखते हैं, तो वहाँ सिर्फ एक दृश्य नहीं होता — एक शांति होती है, आत्मिक जुड़ाव होता है। आप खुद को प्रकृति से इतना जुड़ा हुआ महसूस करते हैं कि मोबाइल नेटवर्क न होना भी खुशी देने लगता है।यह ट्रेक सिर्फ एडवेंचर नहीं है — यह एक मेडिटेशन है। एक ऐसी यात्रा जहाँ आप अपने डर, थकान और ईगो को पीछे छोड़ते हैं।

निष्कर्ष

अगर इस मॉनसून में आप भीड़ से दूर, शांत, और रोमांचक जगह की तलाश में हैं, तो हरिश्चंद्रगढ़ via नळीची वाट ट्रेक आपके लिए सबसे उपयुक्त है। यह ट्रेक आपकी सहनशीलता की परीक्षा जरूर लेगा, लेकिन अंत में जो दृश्य मिलेगा — वो आपको जीवन भर याद रहेगा।तो देर मत कीजिए, अपने जूते कसिए, और चल दीजिए भारत के सबसे cinematic monsoon trek पर।

FAQ’S

प्र.1: हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक कहाँ स्थित है ?

उत्तर: यह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है, जो सह्याद्री रेंज का एक प्रमुख ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है।

प्र.2: इस ट्रेक की कठिनाई कितनी है ?

उत्तर: यह एक मीडियम से लेकर कठिन स्तर का ट्रेक है, खासकर नालिची वाट रूट से आने पर। शुरुआती ट्रेकर्स के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

प्र.3: हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक का बेस्ट सीजन कौन-सा है ?

उत्तर: जून से नवंबर (मानसून और पोस्ट-मानसून सीजन) इस ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

प्र.4: यहाँ पहुँचने का सबसे आसान तरीका क्या है ?

उत्तर: मुंबई या पुणे से कसारा या अलेफाटा होते हुए आप ट्रेक के बेस विलेज तक पहुँच सकते हैं। लोकल बस या कैब से पहुँचना आसान होता है।

मेरा नाम kalpesh Baraiya है, इस ब्लॉग पर मै बजट ट्रैवल, सोलो ट्रैवल ट्रैवल से जुड़ी हर छोटी बड़ी update और यात्रा करने के अच्छे स्थानों के माहिती प्रस्तुत करता हु। और लोगों तक सही और सटीक माहिती पहुँचना मेरा काम है जिसे से लोग एक अच्छा ट्रैवल प्लान बना सके

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